एहसास
रंग बिरंगी , कडवी मीठी अनुभूतियों की काव्यमय प्रस्तुति
रविवार, 1 अगस्त 2010
सफ़र
कल तक जो कुछ
'अच्छा' बचा था
मेरे पास
सिर्फ उसे
और सिर्फ उसे ही
साथ लेकर
तय करना
चाहता हूँ
मैं
'आज' का सफ़र
1 टिप्पणी:
संगीता स्वरुप ( गीत )
ने कहा…
खूबसूरत सोच
1 अगस्त 2010 को 7:23 am बजे
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
1 टिप्पणी:
खूबसूरत सोच
एक टिप्पणी भेजें