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बुधवार, 22 अप्रैल 2009

मेरी ख्वाइश ......

मैं हर दरिया पे प्यास की इबारत लिखूं

मैं हर पत्थर पे प्यार से नजाकत लिखूं

मेरी हर धड़कन हो बस रौशनी के नाम

मैं नफरत के सीने पे भी मोहब्बत लिखूं





--अवनीश उनियाल "शाकिर "