रंग बिरंगी , कडवी मीठी अनुभूतियों की काव्यमय प्रस्तुति
गुरुवार, 3 दिसंबर 2009
शून्य
तुम्हारे और मेरे बीच के शून्य को भर देना चाहता हूँ मैं कुछ कोमल संवादों और मधुर एहसासों से चलो ऐसा करें कि शब्दों के सेतु बाँध दें इस पार से उस पार तक जिनसे गुजरकर पहुँच सकें कुछ मीठे पल मुझ से तुम तक और तुम से मुझ तक
1 टिप्पणी:
बहुत कोमल रचना.
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