एहसास
रंग बिरंगी , कडवी मीठी अनुभूतियों की काव्यमय प्रस्तुति
शनिवार, 2 मई 2009
सावन जैसे आकर सब कुछ
सावन
जैसे
आकर
सब
कुछ
हरा
हरा
कर
दे
यूँ
जीवन
में
आए
कोई
मुझे
नया
कर
दे
प्यासा
रहे
ना
फिर
कोई
हो
जाए
अगर
इतना
हर
एक
तलय्या
गर
ख़ुद
को
बहती
नदिया
कर
दे
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