tag:blogger.com,1999:blog-1698315324289927163.post2522843961204834165..comments2023-04-02T05:45:17.786-07:00Comments on एहसास: शब्दों के मुखौटेअवनीश उनियाल 'शाकिर'http://www.blogger.com/profile/01194217008950940165noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1698315324289927163.post-61337386518155643002010-05-12T14:56:11.748-07:002010-05-12T14:56:11.748-07:00बहुत सही!!
एक विनम्र अपील:
कृपया किसी के प्रति...बहुत सही!!<br /><br /><br /><br />एक विनम्र अपील:<br /><br /><b>कृपया किसी के प्रति कोई गलत धारणा न बनायें. </b><br /><br />शायद लेखक की कुछ मजबूरियाँ होंगी, उन्हें क्षमा करते हुए अपने आसपास इस वजह से उठ रहे विवादों को नजर अंदाज कर निस्वार्थ हिन्दी की सेवा करते रहें, यही समय की मांग है.<br /><br />हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में आपका योगदान अनुकरणीय है, साधुवाद एवं अनेक शुभकामनाएँ.<br /><br />-समीर लाल ’समीर’Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1698315324289927163.post-62813642107352206562010-05-12T11:14:54.060-07:002010-05-12T11:14:54.060-07:00शब्दों का मुखौटा
पहने ये लोग
अपने शब्दों की हथेली
...शब्दों का मुखौटा<br />पहने ये लोग<br />अपने शब्दों की हथेली<br />तुम्हारे पांवों के नीचे रख ,<br />उठाते हैं तुम्हें ऊंचा<br />और दिखाते हैं पल भर को<br />वो सतरंगी आसमान<br />जो कभी भी नहीं हो सकता<br />तुम्हारा !<br /><br />बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....एक सच से रूबरू करती हुई...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1698315324289927163.post-77141780330437897092010-05-12T10:22:04.433-07:002010-05-12T10:22:04.433-07:00बहुत अच्छी कविता.... सच लिखा है एकदम...बहुत अच्छी कविता.... सच लिखा है एकदम...Dev K Jhahttps://www.blogger.com/profile/06471032900319205793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1698315324289927163.post-9336537899337364032010-05-12T10:14:52.269-07:002010-05-12T10:14:52.269-07:00shaandaar...shaandaar...दिलीपhttps://www.blogger.com/profile/15304203780968402944noreply@blogger.com